Thursday, 5 March 2015

अब न चढ़े कोई भी रंग सखी री

अब न चढ़े कोई भी रंग सखी री।  
अपने रंग रंगी कान्हा ने, चढ़े न दूजो रंग  सखी री।       
तन का रंग तो छुट भी जाये, मन का रंग न धुले सखी री।      
अब तो श्याम रंग ही भावे, श्याम रंग मैं रंगी सखी री।    
कोई जतन नजर न आवे, कैसे छूटे यह रंग सखी री।     
क्यों खेलन को आयी होली, कैसे घर मैं जाऊँ सखी री। 
अब तो श्याम चरण बस जाऊँ, दीखे न कोई ठांव सखी री।

**होली की हार्दिक शुभकामनाएं**

...कैलाश शर्मा 

13 comments:

  1. जो रंग मुरली महोहर का है वो तो उम्र भर न छूट पायेगा ...
    सुन्दर भार .... होली की मंगल कामनाएं ...

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  2. bahut sundar rachna ....sach hi hai preet ka rang hi aisa hota hai fir koi rang chadhta hi nahi ....holi mubarak

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  3. होली की हार्दिक शुभकामनाऐं
    सबको मुबारक होली सपरिवार
    कुछ नये रंग खिलाये
    आपकी जिंदगी में होली इस बार ।

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  4. होली की असीम शुभकामनाये
    बेहद खुबसुरत रचना
    सादर

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  5. होली की मंगलकामनाएं।

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  6. बहुत सुंदर . होली की शुभकामनाएं !
    नई पोस्ट : मी कांता बाई देशमुख आहे

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  7. सुंदर रचना...होली का त्योहार राधा और कृष्ण की पावन प्रेम कहानी से भी जुड़ा हुआ है. जब भी होली का जिक्र आता है तो इनका नाम सबसे पहले लिया जाता है..
    आपको और आपके पूरे परिवार को रंग पर्व होली की रंग भरी शुभकामनाएँ।

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  8. बहुत सुन्दर मनभावन रचना

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  9. होली की हार्दिक शुभकामनाएँ

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  10. रंगोत्सव की शुभकामनाए आदरणीय!

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  11. सुन्दर भाव ! आपके ब्लॉग पर देर से पहुँच पाया , क्षमा चाहूंगा ! होली की मंगल कामनाएं

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  12. bahut sundar bhaw ....antim satya jisse sabka sakshatkar nahi hota ...

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  13. मोहे श्याम रंग भायो रे ...बहुत सुन्दर गीत ..

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