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Friday, 4 July 2014

खोल दो सभी खिड़कियाँ

मत खींचो लक़ीरें 
अपने चारों ओर
निकलो बाहर 
अपने बनाये घेरे से.

खोल दो सभी खिड़कियाँ 
अपने अंतस की,
आने दो ताज़ा हवा 
समग्र विचारों की,
अन्यथा सीमित सोच से
रह जाओगे घुट कर 
अपने बनाये घेरे में 
ऊँची दीवारों के बीच.

...कैलाश शर्मा