Thursday, 24 July 2014

दोहे

मन चाहा कब होत है, काहे होत उदास,
उस पर सब कुछ छोड़ दे, पूरी होगी आस.
                   ***
मन की मन ने जब करी, पछतावे हर बार,
करता सोच विचार के, उसका है संसार.
                 ***
चलते चलते थक गया, अब तो ले विश्राम,
माया ममता छोड़ कर, ले ले हरि का नाम.
                 ***
किसका ढूंढे आसरा, किस पर कर विश्वास,
सब मतलब के साथ हैं, उस पर रख विश्वास.
                 ***
क्या कुछ लाया साथ में, क्या कुछ लेकर जाय, 
लेखा जोखा कर्म का, साथ तेरे रह जाय.
                ***
जीवन में कीया नहीं, कभी न कोई काम,
कैसे समझेंगे भला, महनत का क्या दाम.
                ***
मन चंचल है पवन सम, जित चाहे उड़ जाय,
संयम की रस्सी बने, तब यह बस में आय.
               ***
धन से कब है मन भरा, कितना भी आ जाय,
जब आवे संतोष धन, सब धन है मिल जाय.
              ***
अपने दुख से सब दुखी, दूजों का दुख देख,
अपना दुख कुछ भी नहीं, उनके दुख को देख.
              ***
...कैलाश शर्मा   

20 comments:

  1. दोहा
    किसका ढूंढे आसरा, किस पर कर विश्वास,
    सब मतलब के साथ हैं, उस पर रख विश्वास
    बेजोड़ अभिव्यक्ति
    सादर

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    1. waah anand aa gaya sabhi dohe bahut acche lage . hardik badhai aa. kailash ji

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  2. बहुत अच्‍छी शिक्षा देते दोहे। छठे छन्‍द में (कीया) और (महनत) को क्रमश: किया व मेहनत कर दें।

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  3. प्रेरक दोहे।

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  4. सुन्दर अर्थपूर्ण दोहे.....

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  5. जीवंत दोहे राह दिखाते

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  6. क्या कुछ लाया साथ में, क्या कुछ लेकर जाय,
    लेखा जोखा कर्म का, साथ तेरे रह जाय.
    ***
    जीवन में कीया नहीं, कभी न कोई काम,
    कैसे समझेंगे भला, महनत का क्या दाम.
    ***
    मन चंचल है पवन सम, जित चाहे उड़ जाय,
    संयम की रस्सी बने, तब यह बस में आय.
    एक एक दोहा एकदम सटीक और बेहतरीन ! बहुत ही ज्यादा पसंद कैलाश शर्मा जी ! अब ये विधा कुछ काम नहीं हो गयी , लोग बहुत कम दोहे लिखते हैं आजकल

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  7. माया मन्नत कहाँ छोड़ी जाती है इस संसार में ... वो तो इश्वर के बस ही है ...
    लाजवाब दोहे हैं सभी ...

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  8. सुंदर और सार्थक दोहे...बधाई

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  9. बहुत ही सुंदर, बधाई नवाकार

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  10. DEKHAN ME CHOTAN LAGE GHAV KARE GAMBHIR

    sudhirsinghmgwa@gmail.com

    MANZIL GROUP SAHITIK MANCH,DELHI

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  11. बहुत सुन्दर रचना ,👏👏👏👏🚩🚩

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