पाने को अपनी मंज़िल
चलना होता है स्वयं
अपने ही पैरों पर,
दे सकते हैं साथ
केवल कुछ दूरी तक
क़दम दूसरों के.
जुटानी होती है सामर्थ
करना होता है विश्वास
अपने पैरों पर,
नहीं रुकता कारवां
देने को साथ
थके क़दमों का,
ढूँढनी होती है स्वयं
अपनी राह और मंज़िल
और बढाने होते हैं क़दम
स्वयं मंज़िल की ओर.
....कैलाश शर्मा
चलना होता है स्वयं
अपने ही पैरों पर,
दे सकते हैं साथ
केवल कुछ दूरी तक
क़दम दूसरों के.
जुटानी होती है सामर्थ
करना होता है विश्वास
अपने पैरों पर,
नहीं रुकता कारवां
देने को साथ
थके क़दमों का,
ढूँढनी होती है स्वयं
अपनी राह और मंज़िल
और बढाने होते हैं क़दम
स्वयं मंज़िल की ओर.
....कैलाश शर्मा
अपना श्रम और अपना लक्ष्य दूसरों पर क्यों निर्भर रहे।
ReplyDeleteवाकई ! अपना लक्ष्य, अपनी मंजिल हासिल करने के लिये अपने बलबूते पर ही भरोसा करना होगा और खुद को ही लंबा सफर तय करने के लिये तैयार करना होगा ! बहुत सुंदर प्रेरणादायी पंक्तियाँ !
ReplyDeleteआभार...
ReplyDeleteबहुत खूब बहुत ही लाज़वाब अभिव्यक्ति आपकी। बधाई
ReplyDeleteएक नज़र :- हालात-ए-बयाँ : ''किस ज़माने की बात करते''
अपना लक्ष्य खुद ही तय करना होगा ! बहुत सुंदर ......
ReplyDeleteदे सकते हैं साथ
ReplyDeleteकेवल कुछ दूरी तक
क़दम दूसरों के.......
हौसला देती पंक्तियाँ ...आभार
ReplyDeleteबहुत ही उत्तम , व प्रेरित करती आपकी रचना , आ. कैलाश सर धन्यवाद !
ReplyDeleteनवीन प्रकाशन -: बुद्धिवर्धक कहानियाँ - ( ~ सच्चा साथी ~ ) - { Inspiring stories -part - 6 }
बहुत सुंदर !
ReplyDelete100% agree ......khud ke dam par hi hame hamari pahchan milti hai ......
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteनई पोस्ट : मूक पशुएं और सौदर्य प्रसाधन
bilkul sahi
ReplyDeleteसही कहा आत्मविश्वास ही सफलता की कुँजी है.
ReplyDeleteसहमत हूँ!
ReplyDeleteआत्मविश्वास ही मंजिल तक पहुंचा सकता है । सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeletesahi baat !! bahut sundar aur prerak rachna
ReplyDeleteअकेले ही चलना होता है इस मंजिल कि और ... साथी मिलते हैं अगर आप चलो ...
ReplyDeleteभावपूर्ण अभिव्यक्ति ...
बहुत बढ़िया
ReplyDeletesach kaha apne.....atmvishwash badhati panktiyan
ReplyDeleteउत्तम, सार्थक,प्रेरक रचना ...
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