होता है निर्भर
अस्तित्व और उपलब्धि
हमारी तीव्र इच्छा पर,
जैसी होती है इच्छा
तदनुसार होते प्रयास
उपलब्धि को वैसे ही कर्म.
जैसे होते हैं कर्म
बन जाता भाग्य वैसा ही.
....कैलाश शर्मा
अस्तित्व और उपलब्धि
हमारी तीव्र इच्छा पर,
जैसी होती है इच्छा
तदनुसार होते प्रयास
उपलब्धि को वैसे ही कर्म.
जैसे होते हैं कर्म
बन जाता भाग्य वैसा ही.
....कैलाश शर्मा