अठारहवाँ अध्याय (१८.८१-१८.८५) (With English connotation)
....© कैलाश शर्मा
वह न लाभ की इच्छा करता, और हानि का शोक न
करता|
अमृत से पूरित है उर उसका, ज्ञानी सदैव ही
शीतल रहता|| (१८.८१)
The Yogi desires neither possessions nor
grieves
for their loss. His mind is always calm
as it is full
of nectar of immortality. (18.81)
संतों की स्तुति ज्ञानी न करता, न निंदा
वह दुष्टों की करता|
सुख दुःख में समान वह रह कर, स्व-आत्म
संतृप्त है रहता|| (१८.८२)
The wise does not praise the saints nor
blames
the wicked. Being content in his inner
Self, he
maintains equanimity in pleasure or
pain. (18.82)
शोक विमुक्त होता है जग से, न आत्म-दृष्टि
की इच्छा करता|
स्व-आत्म रूप स्थित वह ज्ञानी , न जीवित न
मृत ही रहता|| (१८.८३)
The wise man does not despise the world,
nor he
desires to know himself. Being
established in his
Self, he is neither dead nor alive. (18.83)
स्त्री पुत्रादि मोह न जिसका, विषयों में
निष्काम है रहता|
चिंता रहित हो स्व-शरीर से, ज्ञानी सदा
सुशोभित रहता|| (१८.८४)
The wise man is free from attachment to
worldly
relations like wife or son and free from
desires
for pleasures of senses. Being
unconcerned even
with his own body, the wise always
stands out. (18.84)
ज्ञानी को जो प्राप्त है जग में, तदानुसार
संतुष्ट है रहता|
मुक्त विचरता है वह जग में, सर्वत्र सदा
सुखी वह रहता|| (१८.८५)
The wise is satisfied with whatever he
has acquired
in the world. He moves freely in the
world and
always remains happy in all circumstances.
(18.85)
...क्रमशः
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (10-02-2019) को "तम्बाकू दो त्याग" (चर्चा अंक-3243) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार...
Deleteइसका अर्थ हुआ केवल ज्ञानी ही जीवन का मर्म समझता है..
ReplyDeleteअदभुद।
ReplyDeleteNaturally I like your web site, however you have to check the spelling on quite a few of your posts. A number of them are rife with spelling problems and I find it very bothersome to tell you. Nevertheless I will surely come again again! Best Packers and Movers Bangalore online
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